मीरा की बात
चैप्टर 28
अब तक आपने पढ़ा राहुल और रिहान मीरा के लिए गाने गाते हैं तभी मीरा चिल्लाती है की उसने सिर्फ छीना है कभी किसी को कुछ नहीं दिया है और उसे किसी का खून किया है
अब आगे
मीरा की बात सुन सब शॉक मे आ जाते हैं"...
शौर्य उसके पास बैठ जाता है और कहता है "मै नही मानता की तुम किसी का खून कर सकती हो ,और किया भी होगा तो कोई वजह ज़रूर होगी" ........मीरा उसकी बात सुन मुस्कुराती है "इतना भरोसा है आपको मुझपर"
शौर्य कहता है "हाँ है भरोसा तुम्पर ,तुमसे ज़ादा भरोसा है" फिर थोड़ा रुक कर कहता है "क्या हुआ था मीरा" और उसके सामने रखे सोफे पर बैठ जाता है"...
मीरा एक नज़र सिद्धार्थ और राहुल को देखती है फिर कहना शुरू करती है "तुमने कहा था ना सिद्धार्थ की मै पत्थर दिल हु सही कहा तुमने हु मै पत्थर दिल लेकिन मुझे पत्थर दिल बनाया किसने तुमहारी इस दुनिया ने......तुम्हे दूसरे देश से भेजना मेरी मर्ज़ी थी लेकिन क्यों भेजा ये मै आज बताऊंगी,. राहुल तुमने कहा था की मुझे तुम्हारे बाप का नाम इसलिए नही पता क्यों.. क्योंकि.... क्योंकि मेरे बहुत सारे मर्दो के साथ"... उसने अपनी बात अधूरी ही छोड़ दी उसकी ये बात सुन शौर्य ने गुस्से से राहुल को देखा लेकिन कुछ कहा नही... "
मीरा सिर झुका लेती है फिर कहती है "मेरा भगवान जनता है राहुल वो गवाह है इस बात का की मैंने इनके (शौर्य की तरफ इशारा करते हुए) सिवा किसी के बारे मे सोचा भी नही है , ये मुझे 10 सालों से प्यार करते हैं लेकिन मै....मै तो दस साल की उमर से इनसे प्यार करती आई हू और इस बात की गवाह निकिता दीदी हैं"...
ये नाम सुन सिद्धार्थ शॉक में कहता है "क्या कहा तुमने निकिता".
मीरा कहती है "हाँ सिद्धार्थ मै निकिता दीदी की बात कर रही हू, निकिता ओब्रोइ तुम्हारी बड़ी बहन निकिता ,और राहुल की माँ निकिता"
उसकी लास्ट लाइन सुन सबके पैरो तले जमीन ही खिसक गई सिद्धार्थ पूछता है "तो राहुल का बाप कोन है ,और राहुल तो तुम्हारा बेटा है ना त.. त... तुम झूठ बोल रही हो ना मेरी बहन ऐसी नही है वो ऐसा नही कर सकती".... मीरा उसको रोकते हुए कहती है "मै 24 साल की हु सिद्धार्थ और राहुल चौदह साल का मैं इसे जनम कैसे दे सकती हु ,निकिता दी को मै बचपन से जानती थी... मेरी फैमिली मुझसे ज़ादा उन्हे प्यार करती थी पता है वो जब भी मेरे घर आती थी माँ उनसे बहुत सारी बाते करती थी, तुम्हे तो पता भी नही होगा मेरे बड़े भाई पसंद करते थे उनको, मै हमेशा उन्हे कहती थी दी आप ना मेरी भाभी बन जाओ लेकिन वो एक ही बात कहती थी...... तुझ जैसी बदमाश नंद नही चाहिए मुझे"
मीरा आगे कहती है "मुझे नही मालूम था की तुम दीदी के भाई हो वो कुछ भी बोले लेकिन मुझे वो समझती थी.. जिस मीरा को दुनिया शैतान बदमाश..कहती थी उसमे उन्हे एक सेंसिबल लड़की दिखती थी.... लेकिन पता नही क्यों वो उदास रहने लगी थी बहुत उदास... मैंने उनसे बहुत बार पूछा वो बताती ही नही थी एक दिन मै तुम्हारे स्कूल आई थी वही मैंने पहली बार शौर्य को देखा इनका पसीने से भरा शरीर.....सफेद शर्ट जो पसीने की वजह से इनके बदन से चिपक गई थी ये किसी लड़की को सुना रहे थे.."
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"फ्लैशबैक"
शौर्य ....." तुम अजीब लड़की हो समझ नही आता कहा ना मुझसे दूर रहा करो दुबारा मेरे पास आई ना तो अच्छा नही होगा तुम्हारे लिए, और एक बात मै कोई तुम्हारे बाप से डरता नही हु तो दुबारा मुझे धमकी देने की सोचना भी मत शौर्य सिंघानिया किसी से नही डरता है समझी"..
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"फ्लैशबैक एंड"..
शौर्य उसे वही छोड़ कर चले गए "वो पहली दफा था जब मैंने किसी लड़के को ध्यान से देखा था...दिल वही हार गई थी मैं लेकिन नियति तो कुछ और ही चाहती थी मै तुम्हारे स्कूल आने लगी मै आती तो थी दीदी को ढूंढने के लिए लेकिन शौर्य को देखना आदत बन गई थी ,एक दिन मै स्कूल आई तो मै दीदी से मिली बहुत कमज़ोर लग रही थी वो और परेशान भी आखिर वो भी तो सिर्फ 19 साल की ही थी, मैंने पूछा की क्या हुआ है दी.... तो उन्होंने मुझसे ही पूछ लिया "तुझे मेरी परेशानी कैसे पता चल जाती है".. मैं उन्हे क्या जवाब देती इस पूरी दुनिया मे कोई मुझे समझता था तो वो थी"
"उनका प्यार ही अलग था ,ना नफरत जानती थी ना करती थी..मैंने उनका मूड ठीक करने के लिए उन्हे शौर्य के बारे मे बताया"
फिर मीरा मुस्कुराती हुई नम आँखो से शौर्य को देखती हुई बोली..... "पहले तो वो शॉक हो गई फिर उन्होंने पता है क्या कहा..... "मीरा वो लड़का बहुत अक्डू है इतनी आसानी से तेरे हाथ नही आयेगा लेकिन एक बार उसे तुझसे मोहब्वत हो गई तो वो तुझे छोड़ेगा भी नही,वो लोगो को कितना समझती थी ये तो मै जानती थी लेकिन जब मै इनसे दुबारा मिली तब मुझे यकीन हो गया..... उसके बाद वो चली गई मैंने बहुत पता किया लेकिन एक दस साल की लड़की क्या ही कर लेती मैंने उन्हे छोड़ दिया और उनके मिलने की उम्मीद मे प्रार्थना करती रही वो मिली मुझे लेकिन चार साल बाद
"चार साल बाद उस दिन उनका फोन आया मेरे पास उन्होंने मुझे एक अड्ड्रेस भेजा और जल्दी से जल्दी आने को कहा मै वहाँ गई भी".....
फिर सिद्धार्थ की तरफ देखते हुए कहती है "पता है सिद्धार्थ तुमहारी दीदी ने बहुत मदद की थी मेरी ऐसा कह लो वो दूसरी माँ थी मेरी..... वहाँ जाके मैंने उनकी हालत देखी तो मै दंग रह गई थी.... ये वही दिन था जब मैंने शौर्य से मिलने को कहा था..... पता है सिद्धार्थ निकिता दी ने कभी कोई गलती नही की लेकिन उनसे एक ही गलती होगई उन्होंने मोहब्बत की...... वो भी गलत इंसान से और उसी मोहब्बत की कीमत उन्हे चुकानी पड़ी .....मै जब उस अडड्रेस पर गई तब मुझे पता लगा वो तुम्हारा घर था वो घर जिसमे तुम अपने परिवार के साथ रेहते थे उ.. उस घर मे आग लगी थी"
मीरा की आवाज़ लड़खडाने लगी थी..... और वो खामोश होगई उसकी खामोशी किसी से बर्दाश्त नही हो रही थी सिद्धार्थ पेनिक हो रहा था वो चिल्लाता है "उसके बाद क्या हुआ मीरा मेरा परिवार कहा है बताओ मीरा...... उस दिन क्या हुआ था".... मीरा रुवासि आवाज़ मे कहती है "उस आग ने सब खतम कर दिया सिद्धार्थ सब खतम" और उसकी आँखो से आँसु बहने लगे थे"....
किसका खून किया है मीरा ने ? राहुल मीरा को कैसे मिला? जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी कहानी "एक मां ऐसी भी"
वानी #कहानीकार प्रतियोगिता